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‘गुजरात के ट्रैवल एजेंटों ने पर्यटकों को हिमाचल भेजने का किया बहिष्कार’

डेस्क |

बाहरी राज्यों के पर्यटक वाहनों पर लगाया टैक्स से हिमाचल के पर्यटन कारोबार पर संकट खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाहनों से रोजाना 3 से 6 हजार टैक्स लगाने के बाद गुजरात के ट्रैवल एजेंट्स ने हिमाचल के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। दुर्गा पूजा टूरिस्ट सीजन के दौरान अक्तूबर से हजारों गुजराती सैलानी हिमाचल आते है। हिमाचल के बहिष्कार के बाद यह सैलानी उत्तराखंड और कश्मीर का रुख कर रहे हैं।

गुजरात, बंगाल और महाराष्ट्र के सैलानी अंबाला और चंड़ीगढ़ तक ट्रेन से आने के बाद समूहों में टैंपो ट्रैवलर और बसों से हिमाचल के पर्यटन स्थलों तक पहुंचते हैं। नया टैक्स लगने के बाद गुजरात के ट्रेवल एजेंट्स एडवांस बुकिंग कैंसल कर रहे हैं जिससे प्रदेश के पर्यटन कारोबारियों को भी भारी नुकसान होने का अंदेशा है। टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ का कहना है कि प्रदेश सरकार को तुरंत नए टैक्स पर रोक लगानी चाहिए इससे प्रदेश के पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान हो रहा है।

ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ पेन इंडिया के अध्यक्ष विनेश शाह ने कहा किगुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा से आग्रह किया है कि वे हिमाचल सरकार से नया टैक्स वापस लेने को लेकर संवाद करे। गुजरात से हजारों टूरिस्ट हिमाचल आते हैं और गुजरात के पर्यटन कारोबारियों को टैक्स से नुकसान हो रहा है।

हिमाचल में टूरिस्ट वाहनों पर रोजाना 3500 से 5000 अतिरिक्त टैक्स लगा दिया है। इससे पैकेज महंगे हो गए हैं। हिमाचल के स्थान पर उत्तराखंड और कश्मीर की डिमांड बढ़ गई है।